कौन हैं भारतीय सेना के DGMO, जिनसे सीजफायर के लिए गिड़गिड़िया पाकिस्तान; जानें कैसे हुए राजी?

कौन हैं भारतीय सेना के DGMO, जिनसे सीजफायर के लिए गिड़गिड़िया पाकिस्तान; जानें कैसे हुए राजी?
India Pakistan Ceasefire News: पाकिस्तान के साथ सीजफायर को लेकर बनी सहमति के पीछे भारतीय सेना के डीजीएमओ यानी डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशन्स लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई हैं. पाकिस्तानी डीजीएमओ मेजर जनरल कासिफ अब्दुल्ला ने जनरल घई को हुई शनिवार दोपहर हॉट-लाइन पर फोन कर हमले रोकने की अपील की थी. खास बात ये है कि भारतीय सेना (थलसेना) द्वारा की गई पाकिस्तान के खिलाफ हमलों की पूरी रणनीति बनाने की जिम्मेदारी भी लें.जनरल घई की ही थी.
पिछले साल अक्टूबर (2024) में ले.जनरल घई ने साउथ ब्लॉक स्थित आर्मी हेडक्वार्टर में डीजीएमओ का पद संभाला था. इससे पहले भी डेढ़ साल तक श्रीनगर स्थित चिनार कोर (15वीं कोर) के कमांडिंग इन चीफ (जीओसी) के पद पर भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं. ऐसे में एलओसी यानी नियंत्रण रेखा और कश्मीर घाटी में आतंकियों से दो-दो हाथ करने का ले.जनरल घई को खास अनुभव है.
पांच टेरर कैंप की डीजीएमओ ने ही की थी लिस्टिंग
थलसेना के ऑपरेशन्स को लेकर डीजीएमओ को सेना प्रमुख का दांया हाथ माना जाता है. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान के गैर-कानूनी कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद, लश्कर ए तैयबा और हिजबुल मुजाहिद्दीन के जिन पांच टेरर कैंप को भारतीय सेना ने तबाह किया था, उन्हें चिनार कोर के कमांडर के साथ डीजीएमओ ने ही चिन्हित किया था.
हर मंगलवार हॉट-लाइन पर बात करते हैं दोन देश के DGMO
साल 2021 में एलओसी पर शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए हुए सीजफायर समझौता पर भी दोनों देशों के डीजीएमओ ने ही हस्ताक्षर किए थे. खास बात ये है कि हर मंगलवार को दोनों देशों के डीजीएमओ हॉट-लाइन पर बात करते हैं. हालांकि, शांति काल में दोनों ही देशों के डीजीएमओ के मातहत अधिकारी भी आपस में फोन पर बात करते आए हैं.
12 मई को बात करेंगे दोनों देश के DGMO
पहलगाम हमले के बाद भी लें.जनरल घई ने पाकिस्तानी समकक्ष मेजर जनरल कासिफ से फोन पर बात की थी. शनिवार को विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने जब सीजफायर पर बनी सहमति को लेकर ऐलान किया था, तब ये भी कभी था कि 12 मई को एक बार फिर दोनों देशों के डीजीएमओ फोन पर बात करेंगे. इस दौरान शनिवार शाम 5 बजे के बाद दोनों के बीच बनी परिस्थितियों की समीक्षा करेंगे.
खास बात ये है कि भारत में डीजीएमओ एक थ्री-स्टार लेफ्टिनेंट जनरल रैंक का अधिकारी होता है, जबकि पाकिस्तान में टू-स्टार यानी मेजर जनरल रैंक. ऐसा इसलिए क्योंकि भारतीय सेना एक बड़ी फौज है, जबकि पाकिस्तानी सेना थोड़ी छोटी है.
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