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भगवान शिव, लंच और किस्मत का खेल! जानें कैसे पहलगाम हमले में हनीमून मना रहे दो जोड़े मौत से बच निकले

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भगवान शिव, लंच और किस्मत का खेल! जानें कैसे पहलगाम हमले में हनीमून मना रहे दो जोड़े मौत से बच निकले

Pahalgam Terror Attack: दोपहर के वक्त अचानक भूख लगना और शिव मंदिर में दर्शन की इच्छा पैदा होना पश्चिम बंगाल के दो जोड़ों के लिए चमत्कारिक रूप से जान बचाने वाला साबित हुआ. यही वे क्षण थे, जब वो आतंकवादी हमले से बच गए. इस पर्यटन केन्द्र में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले में 25 भारतीय पर्यटकों और एक नेपाली नागरिक की मौत हो गई थी.

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, बंदूकधारियों ने गोलीबारी करने से पहले कथित तौर पर धार्मिक पहचान पूछी थी – इस हत्याकांड से राष्ट्रीय स्तर पर आक्रोश और शोक फैल गया है. हालांकि इस भयावहता के बीच, चमत्कारिक ढंग से बच निकलने की कहानियां भी सामने आई हैं.

सब कुछ कर लिया था बुक, बस…

उस दिन देबराज घोष और उनकी पत्नी प्रसिद्ध बैसरन घाटी की यात्रा करने वाले थे. खच्चर बुक हो चुके थे और जोड़ा अपने पर्वतीय सफर के लिए उत्सुक था. उनकी कुछ महीने पहले ही शादी हुई है. देबराज का मानना है कि एक साधारण ‘लंच ब्रेक’ ने उनकी जान बचाई. वह जल्दी से कुछ खाने के लिए भीड़-भाड़ वाले बाजार से बाहर निकले ही थे कि गोलीबारी की तेज आवाज सुनाई दी.

इसके बाद वह उसी होटल में वापस भागे, जहां से वह अभी-अभी निकले थे और अंदर छिप गए जबकि बाहर अराजकता फैल रही थी. उन्होंने कहा, “ हम मुख्य बाजार में कदम रखने ही वाले थे कि अचानक मुझे भूख लगी और मैंने अपनी पत्नी से कहा, ‘चलो पहले खाना खा लेते हैं.’ देबराज ने कहा कि अचानक लगी भूख ने हमारी जान बचाई.

शिव मंदिर में दर्शन ने बचाई जान

उन्होंने श्रीनगर से एक बांग्ला समाचार चैनल को बताया, ‘जैसे ही मैंने गोलियों की आवाज सुनी, मैंने अपनी पत्नी को होटल के अंदर खींच लिया. हम वहां से नहीं हिले, कुछ नहीं बोले. बस प्रार्थना कर रहे थे कि यह घटना टल जाए.’ नादिया जिले के एक अन्य दंपति सुदीप्त दास और उनकी पत्नी हमले में बचने का श्रेय शिव मंदिर में दर्शन करने के लिए जाने को देते हैं.

दास ने श्रीनगर से फोन पर बताया, ‘हमने बैसरन जाने की भी योजना बनाई थी, लेकिन मेरी पत्नी को ईश्वरीय प्रेरणा महसूस हुई कि वह पास के शिव मंदिर में जाए.’ दंपति ने दर्शन पूरे किए ही थे कि उनकी गाड़ी के चालक ने उन्हें यह खबर दी – वहां से बमुश्किल एक किलोमीटर दूर गोलीबारी शुरू हो गई थी. 

उन्होंने कहा, ‘अगर हम मंदिर नहीं जाते तो मर जाते. यह भगवान शिव की कृपा से कम नहीं है.’ इस हमले में पश्चिम बंगाल के तीन पर्यटक मारे गए.

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