ऑपरेशन सिंदूर: 54 साल बाद भारत ने पहली बार पाकिस्तान में किया ये काम, युद्धस्तर पर हुआ ऐसा एक्शन

ऑपरेशन सिंदूर: 54 साल बाद भारत ने पहली बार पाकिस्तान में किया ये काम, युद्धस्तर पर हुआ ऐसा एक्शन
India Fired Missiles: भारतीय वायुसेना और सेना ने अभूतपूर्व सैन्य अभियान “ऑपरेशन सिंदूर” को अंजाम दिया. इसके तहत पाकिस्तान के भीतर आतंक के अड्डों को निशाना बनाया गया. इस बार हमला न सिर्फ वायुसेना ने किया, बल्कि थलसेना की आर्टिलरी यूनिट्स ने भी बेहद आधुनिक हथियारों और स्मार्ट तकनीक के साथ युद्धस्तर पर कार्रवाई की.
1971 के बाद पहली बार पाकिस्तान में दागीं मिसाइलें
यह पहली बार है जब 1971 के युद्ध के बाद भारत ने पाकिस्तान की जमीन पर मिसाइलें दागीं. आधिकारिक तौर पर यह स्ट्राइक देर रात 1 बजे शुरू होकर 1:30 बजे तक चली. भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के बहावलपुर स्थित 31वीं कोर के मुख्यालय पर सीधा हमला किया. यह इलाका पाकिस्तानी सेना की एक अहम सैन्य छावनी है. वायुसेना ने इस मिशन के लिए विभिन्न प्रकार के विमानों का इस्तेमाल किया, जिनमें राफेल भी शामिल थे, जो स्कैल्प और हैमर जैसी लंबी दूरी की एयर-टू-सर्फेस मिसाइलों से लैस थे.
ऑपरेशन सिंदूर से गहराई तक किया गया हमला
बता दें कि उरी स्ट्राइक (2016) सीमित पैमाने की सर्जिकल स्ट्राइक थी, जिसके तहत एलओसी पार कर सेना ने आतंकियों के कैंप तबाह किए थे. वहीं, बालाकोट एयरस्ट्राइक (2019) में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी शिविरों पर वायुसेना का सीमित हमला किया गया था, जबकि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ (2025) इन दोनों से कई गुना व्यापक और गहराई तक किया गया हमला था, जिसमें वायुसेना के साथ-साथ थलसेना ने भी संयुक्त कार्रवाई की.
खैबर पख्तूनख्वा इलाके की सटीक पहचान की गई थी. ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में भारत ने मल्टीपल वेक्टर प्लेटफॉर्म्स का उपयोग किया. यानी अलग-अलग दिशाओं और माध्यमों से बम और मिसाइलें दागी गईं. भारत ने पंजाब प्रांत और पाक अधिकृत कश्मीर में स्थित आतंकी ठिकानों को भी निशाना बनाया.
तेजी से तैनात होने वाला हॉवित्जर है एम777
थलसेना ने 155एमएम- एक्स-क्लाइबर और एम777 होवित्जर से जीपीएस-निर्देशित गोलाबारी की. एम777 एक हल्का, तेजी से तैनात होने वाला हॉवित्जर है, जो दुर्गम इलाकों में भी ऑपरेशन को अंजाम दे सकता है. सेना ने लोइटरिंग एम्युनिशन और कामिकाजा ड्रोन जैसी निचली उड़ान और खुद को लक्ष्य पर विस्फोट करने वाली तकनीक का इस्तेमाल किया.
भारतीय हमले के बाद पाकिस्तान की आर्टिलरी यूनिट को प्रतिक्रिया देने में 20 से 25 मिनट का समय लग गया, जिससे भारत को मिशन को सफलता से अंजाम देने का पूरा समय मिला. इस ऑपरेशन में भारत ने आधुनिकतम तकनीक जैसे जीपीएस, रेडियो लिंक, फोटोग्राफी सिस्टम और स्मार्ट आर्टिलरी का प्रभावशाली समन्वय दिखाया. यह भारतीय सेना और वायुसेना की संयुक्त क्षमता और युद्ध कौशल का प्रमाण था. ‘ऑपरेशन सिंदूर’ केवल एक जवाबी कार्रवाई नहीं, बल्कि भारत की नई सैन्य रणनीति और तकनीकी क्षमता का प्रत्यक्ष प्रदर्शन है.
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